My Hope
जुड़ जाते हैं उम्मीदों में कई सपने ,
जिसका कोई आधार नहीं होता |
मिल जाता है इंतजार का वो पल ,
जिसका रात नहीं काम होता |
हट जाएगा छट छट कर ,
ये घने बदल का जो पड़ाव होता |
क्योंकि वो वक्त का तलवार है ,
जिसका धार नहीं काम होता ||
Amit Singh Bhavik
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Welcom To Aaj Kuchh Sikhunga......